मंगलवार, 1 दिसंबर 2009

आतंकवाद

आतंकवाद

आतंकवाद को अभी तक परिभाषित नहीं किया गया है। संयुक्त राष्ट्र  संघ में जब इसे परिभाषित करने की बात आई तो अमेरिका ने इसे मानने से इनकार कर दिया क्योंकि अमेरिका स्वतन्त्रता आन्दोलन को भी आतंकवाद करार देता है और अन्य देश स्वतन्त्रता आन्दोलन को आतंकवाद की श्रेणी में रखने के लिए तैयार नहीं हैं, फिर भी सामान्य तौर पर राज्य के विरूद्ध  जब गुरिल्ला युद्ध किया जाता है तो राज्य के द्वारा उसे आतंकवाद घोषित किया जाता है क्योंकि राज्य शक्तिशाली होता है।

आज के समय में या कहें कि वर्तमान समय में कोई भी समूह राज्य के खिलाफ आमने- सामने की लड़ाई नहीं जीत सकता है। इसलिए जनता का एक छोटा सा हिस्सा गुरिल्ला युद्ध ही करता है और आतंक पैदा करता है। इसलिए उसे आतंकवादी करार दिया जाता है जैसे अपने समय सन 1627 में शिवाजी भी गुरिल्ला युद्ध के द्वारा ही औरंगजेब को परास्त कर अपना राज्य स्थापित कर पाए  थे। अपने समय में अंग्रेज़ी सत्ता की नज़र में सारे देशभक्त आतंकवादी और देशद्रोही करार दिए  गए थे। लोकमान्यतिलक भी देशद्रोह के आरोप में जेल भेज दिए गए थे। देशभक्त भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव ,चंद्रशेखर, खुदीराम बोस को आतंकवादी ही करार दिया गया था। यहाँ तक की गाँधी ने मिदनापुर (बंगाल) की आमसभा में भगत सिंह को गुंडा ही कहा था तब देशबंधु चितरंजन दास ने उसी मंच से इसका प्रतिवाद किया था।

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